दो अथवा दो से अधिक व्यक्तियों की ऐसी संस्थाएं, मण्डल, परिषदें, समितियां जो इसे परामर्श देने के लिए गठित की गई हों और क्या इन मण्डलों, परिषदों, समितियों तथा अन्य संस्थाओं में जनता भाग ले सकती है या इनकी बैठकों के संक्षिप्त कार्रवाई विवरण जनता को उपलब्ध हैं
मानव संसाधन विकास केन्द्रीय कार्यों से सम्बद्ध निम्न मण्डल, परिषदें और समितियां कार्य कर रही हैं:
1) प्रशिक्षण सलाहकार मण्डल (टीएबी): यह संगठन में मानव संसाधन विकास प्रयासों के मार्गदर्शन के लिए सेल की शीर्ष संस्था है। टीएबी में अध्यक्ष, प्रबन्ध निदेशक, निदेशक तथा अन्य कारखानों/यूनिटों के मुख्य कार्यकारी शामिल होते हैं। टीएबी की बैठक मानव संसाधन विकास उपलब्धियों की समीक्षा करने तथा भावी मानव संसाधन गतिविधियों व प्रयासों के संबंध में मार्गदर्शन करने के लिए वर्ष में एक बार आयोजित की जाती है।
2) प्रशिक्षण विभागाध्यक्षों की बैठक (एचओटी):इस मंच पर टीएबी से प्राप्त मार्गदर्शन के आधार पर मानव संसाधन गतिविधियांे की योजना तैयार की जाती है, उन्हें कारखानों/यूनिटों में लागू किया जाता है तथा उनकी समीक्षा की जाती है। इसकी बैठकों में कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन विकास) तथा सेल के कारखानों/यूनिटों के विभागाध्यक्ष समय-समय पर मिलकर वर्ष भर के लिए कार्य योजना को रूप देते हैं तथा निष्पादन की समीक्षा करते हैं।
3) बन्धन प्रशिक्षणार्थी प्रणाली (एमटीटीएस): यह नए भर्ती प्रबन्धन प्रशिक्षणार्थियों को एक पूर्व नियोजित प्रणाली के अन्तर्गत आवश्यक कौशल व ज्ञान प्राप्त करने का अवसर प्रदान करती है। प्रशिक्षण की यह प्रणाली प्रशिक्षणार्थियों को प्रथम स्तर पर उत्तरदायितव सम्भालने के लिए एक सुदृढ़ आधार प्रदान करती है।
4) प्रबन्धन विकास कार्यक्रम (एमडीपी): कम्पनी के प्रथम स्तर के कार्यपालकों के लिए दो प्रबन्धन विकास कार्यक्रम हैं। इन्हें एमडीपी-1 और एमडीपी-2 कहा जाता है। एमडीपी-1 ई-1 व ई-2 श्रेणी के कार्यपालकों तथा एमडीपी-2 ई-3 व ई-4 श्रेणी के कार्यपालकों के लिए है। अधिक्रम पर आधारित ये कार्यक्रम उन स्तरों पर काम करने वाले कार्यपालकों के लिए आवश्यक कौशल व दृष्टिकोण का विकास करते हैं।
5) यूनिट प्रशिक्षण (यूटी): पूर्व निर्धारित कार्य के दौरान प्रशिक्षण को यूनिट प्रशिक्षण कहा जाता है। इसका उद्देश्य कर्मशालाओं में कर्मियों को लिखित व सहमत मानकों का ज्ञान प्रदान करना है। इसमें वर्तमान कार्य प्रणालियों की समीक्षा की जाती है तथा उनमें निरन्तर सुधार किया जाता है। यूटी मास्टर प्रशिक्षणार्थी मानक मेनुअल तथा यूटी मेनुअल के अन्तर्गत परिचालन कौशल तथा कार्य विशेष का प्रशिक्षण प्रदान करता है।
6) मूल इंजीनियरी कौशल (बीइएस): इसके अन्तर्गत रखरखाव संबंधी मूल इंजीनियरी कौशल व कम लागत पर रखरखाव के संबंध में प्रशिक्षण दिया जाता है। यह सेल में अपनाया गया महत्वपूर्ण प्रशिक्षण कार्यक्रम है। इसके अन्तर्गत कार्यशालाओं/प्रशिक्षण केन्द्रों में व्यावहारिक प्रशिक्षण पर बल दिया जाता है।