संगठन, कार्य तथा कर्तव्यों का विवरण
सेल देश में दूसरी सबसे बड़ी खनन संगठन है। यह 7 लौह अयस्क, 4 चूना-पत्थर और 2 डोलोमाइट खानों का संचालन करता है। इसके पास इन खानों के दीर्घकालीन पट्टे हैं। खनन से लगभग 220 लाख टन कच्चा माल प्राप्त होता है जिससे लौह अयस्क की लगभग पूरी और फ्लैक्स (चूना-पत्थर तथा डोलोमाइट) की लगभग 40-50 प्रतिशत आवश्यकताएं पूरी होती हैं। इस समय इस्पात कारखानों को 64 प्रतिशत लौह की, 5 प्रतिशम से कम सिलिका के लौह निर्माण श्रेणी के चूना-पत्थर और 1 प्रतिशत से कम सिलिका वाले इस्पात निर्माण श्रेणी के चूना-पत्थर की आवश्यकता होती है।
खानें
ये खानें झारखण्ड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में स्थित हैं। ये खानें हैं:
| लौह अयस्क | किरिबुरु, मेघाहाताबुरु, बोलानी, बरसुआ, काल्टा और मनोहरपुर |
| चूना-पत्थर | कुटेश्वर, पूर्णपाणी, भवनाथपुर |
| डोलोमाइट | तुलसीदमार |
सतना स्थित चूना-पत्थर खान तकनीकी-आर्थिक कारणों से बन्द करने का प्रस्ताव रखा गया है।
कच्चा माल डिवीजन का मुख्यालय कोलकाता में है तथा यह भिलाई इस्पात की खानांे को छोड़कर बाकी सभी खानों में कच्चा माल कार्यों का संचालन करता है। इसकी एक आयोजन व विकास शाखा है जो कम्पनी की मध्यम तथा दीर्घकालीन आवश्यकताओं की पूर्ति करता है।
खानों के लिए केन्द्रीयकृत रखरखाव सुविधाएं जुटाने के लिए बोलानी लौह अयस्क खान में एक केन्द्रीय बेस रिपेयर शाॅप (सीबीआरएस) खोली गई है। यह पूर्वी क्षेत्र में इंजनों, भारी खनन मशीनों जैसे एक्सकेवेटरों, डम्परों, ब्लास्ट होल ड्रिल, डोजर इत्यादि की मरम्मत का कार्य करता है।
मानव संसाधनों के प्रभावी उपयोग के लिए कर्मियों के कल्याण तथा बेहतर कार्य निष्पादन प्राप्त करने के लिए उनके विकास पर जोर दिया जाता है। किरिबुरु लौह अयस्क खान में आरएमडी के अधीन सभी खानों के कर्मियों के प्रशिक्षण के लिए एक पूर्णतः सुसज्जित मानव संसाधन विकास केन्द्र कार्य कर रहा है।
सेल 30 वर्ष से अधिक से खानों का संचालन कर रहा है तथा इसके पास ओपन कास्ट खानों के संचालन का पर्याप्त अनुभव है। यह खानों की खोज, आयोजन, विकास, परिचालन तथा रखरखाव के क्षेत्र में परामर्शदात्री सेवाएं दे सकता है।