डॉ. अंजू बाजपेई, लगभग 55 वर्ष की आयु की हैं और भोपाल, मध्य प्रदेश से हैं। वे विज्ञान और विधि में स्नातक हैं। इसके अलावा, उन्होंने बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल से विधि में स्नातकोत्तर (एलएल.एम.) और डॉक्टरेट (पीएच.डी.) की उपाधि प्राप्त की है। डॉ. बाजपेई को विधि क्षेत्र में व्यापक अनुभव प्राप्त है, जिसमें 20 वर्षों का शिक्षण अनुभव और 8 वर्षों का न्यायिक अनुभव शामिल है। वर्तमान में वे सागर विश्वविद्यालय, भोपाल के स्कूल ऑफ लॉ एंड लीगल स्टडीज में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं।
डॉ. अंजू पूर्व में पीपुल्स इंस्टिट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज, पीपुल्स यूनिवर्सिटी, भोपाल की प्राचार्या; मानसरोवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी, भोपाल में विधि विभाग की डीन एवं प्रोफेसर; और श्री सत्य साईं कॉलेज ऑफ लॉ फॉर वीमेन, भोपाल में विभागाध्यक्ष के पद पर भी कार्य कर चुकी हैं।
इसके अतिरिक्त, वे नेशनल ज्यूडिशियल अकादमी, भोपाल में रिसर्च फेलो और प्रतिनियुक्ति पर प्रोफेसर रही हैं; उपभोक्ता न्यायालयों और राज्य प्रशासनिक अधिकरण, भोपाल में अधिवक्ता के रूप में प्रैक्टिस कर चुकी हैं; तथा एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन राइट्स एजुकेशन, भोपाल में मानद सलाहकार भी रही हैं।
डॉ. अंजू का साहित्यिक योगदान भी उल्लेखनीय है, जिसमें उन्होंने पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन (ईपीसीओ), भोपाल की सहायता से दो खंडों में पर्यावरण कानूनों पर संकलन तैयार किया है; यूनिसेफ के लिए बाल अधिकारों पर संकलन; और फील्ड वर्क के आधार पर कई रिपोर्टें तैयार की हैं, जैसे – (i) सड़कों पर काम करने वाले बच्चे, (ii) बाल वेश्यावृत्ति में संलिप्त बच्चे, (iii) फैक्ट्रियों में काम करने वाले बच्चे, (iv) किशोर गृहों में रह रहे बच्चे आदि।
डॉ. अंजू बाजपेई गांधी भवन न्यास, भोपाल की न्यासी तथा द्विभाषी पत्रिका ‘स्कूल शिक्षा’ की प्रबंध संपादक भी हैं।
वे फरवरी 2022 से जनवरी 2025 तक इंडिया टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (आईटीडीसी) के निदेशक मंडल में स्वतंत्र निदेशक के रूप में कार्य कर चुकी हैं।