नई दिल्ली, 29 अक्टूबर, 2025: भारत के सार्वजनिक क्षेत्र की अग्रणी महारत्न कंपनी, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने आज वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही (30 सितंबर, 2025 को समाप्त) के लिए अपने मज़बूत वित्तीय परिणामों की घोषणा की है। कंपनी ने इस अवधि में उत्कृष्ट परिचालन के साथ-साथ बेहतर लाभप्रदता का प्रदर्शन किया है।
मुख्य विशेषताएं :
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क्रूड स्टील का उत्पादन 95 लाख टन बना रहा।
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खुदरा और अन्य उपभोक्ताओं तक बेहतर पहुँच के कारण बिक्री की मात्रा में 16.7% की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की गई।
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मूल्य निर्धारण (Pricing) के चुनौतीपूर्ण माहौल के बावजूद, विक्रय मात्रा (Sales Volume) की बढ़ोत्तरी ने प्रचालन से कारोबार (Revenue from Operations) को ₹52,600 करोड़ के पार पहुँचाया।
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परिचालन दक्षता (Operational Efficiency) और लागत अनुकूलन (Cost Optimization) के परिणामस्वरूप, टैक्स चुकाने के बाद लाभ (PAT) में लगभग 32% की महत्वपूर्ण वृद्धि हुई।
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कंपनी का कुल ऋण (Debt) घटकर ₹26,427 करोड़ हो गया, जो मार्च 2023 के स्तर तक पहुँचने की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है।
वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही के वित्तीय परिणाम (स्टैंडअलोन) पर एक नज़र:
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इकाई |
H1 24-25 |
H1 25-26 |
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कच्चा इस्पात उत्पादन |
मिलियन टन |
9.46 |
9.50 |
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विक्रय मात्रा |
मिलियन टन |
8.11 |
9.46 |
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प्रचालन से कारोबार |
रुपया करोड़ |
48,672 |
52,625 |
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ब्याज, कर और मूल्यहास चुकाने से पहले की कमाई (EBITDA) |
रुपया करोड़ |
5,593 |
5,754 |
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अप्रत्याशित वस्तुएं और कर से पहले का लाभ |
रुपया करोड़ |
1,439 |
1,781 |
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अप्रत्याशित वस्तुएं |
रुपया करोड़ |
(312) |
(338) |
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कर–पूर्व लाभ (PBT) |
रुपया करोड़ |
1,127 |
1,443 |
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कर – पश्चात लाभ (PAT) |
रुपया करोड़ |
844 |
1,112 |
सेल अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने इस अवसर पर कहा, “वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही का यह प्रदर्शन, परिचालन (ऑपरेशनल) और वित्तीय, दोनों ही पैमानों पर सेल की उत्कृष्टता की निरंतरता को पुष्ट करता है। हमने लगातार उत्पादन सुनिश्चित करने हेतु अपनी उच्च क्षमता का उपयोग सफलतापूर्वक बनाए रखा है। वैश्विक इस्पात बाजारों में व्याप्त उतार-चढ़ाव के बावजूद, हमारे अडिग इस्पाती संकल्प और सामूहिक प्रयासों के बल पर, हमने विक्रय मात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। इसके अतिरिक्त, कंपनी द्वारा दक्षता सुधार (एफिशिएंसी) और लागत युक्तिकरण (कॉस्ट रेशनलाइजेशन) की दिशा में किए गए ठोस प्रयासों ने इस मजबूत वित्तीय प्रदर्शन को हासिल करने में निर्णायक भूमिका निभाई है।
भारत के निम्न-कार्बन अर्थव्यवस्था की दिशा में कदम बढ़ाते हुए, सेल (SAIL) इस महत्वपूर्ण परिवर्तन में सक्रिय रूप से योगदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही, कंपनी स्थायी लाभप्रदता सुनिश्चित करने हेतु अपने परिकल्पित विस्तार की योजना को उत्पाद विविधीकरण, ग्राहक-केंद्रित रणनीतियों, डिजिटलीकरण और निरंतर प्रयासों जैसे पूरक स्तंभों पर आधारित कर रही है।“