पर्यावरण प्रबंधन
आर.एस.पी. पर्यावरण के अनुकूल स्टील के उत्पादन के लिए अत्याधुनिक स्टील बनाने की तकनीक को उत्तरोत्तर अपना रहा है। हाल ही में संपन्न 4.2 एम.टी.पी.ए. विस्तारण परियोजना में, आर.एस.पी. ने कोक ओवन बैटरी नंबर 6 की कोक ड्राई क्वेंचिंग सुविधाओं से बैक प्रेशर टर्बो जेनरेटर (6.4 मेगावाट) के माध्यम से ऊर्जा वसूली और हरित बिजली उत्पादन, ब्लास्ट फर्नेस-5 के शीर्ष पर ऊर्जा वसूली और टॉप रिकवरी टर्बो जनरेटर (14 मेगावाट) के माध्यम से हरित बिजली उत्पादन, बी.एफ. गैसों की वसूली और पावर ब्लोइंग स्टेशन में बिजली उत्पादन (36 मेगावाट) के लिए इसका उपयोग, एस.एम.एस.-2 के सभी तीन कन्वर्टर्स में सेकेन्डरी उत्सर्जन नियंत्रण प्रणाली के साथ डॉग हाउस, रॉ मटेरियल हैंडलिंग प्लांट में ड्राई फॉग डस्ट सप्रेसन सिस्टम और कैल्साइनिंग प्लांट-2 के वर्टिकल शाफ्ट किल्नों में नई वायु प्रदूषण नियंत्रण प्रणाली आदि जैसी स्वच्छ प्रौद्योगिकियों को सफलतापूर्वक कार्यान्वित किया है।
प्रदूषण को उसके जनित स्रोत पर कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं। स्वीकार्य सीमा से नीचे प्रदूषण के स्तर को कम रखने के लिए पाइप लाइन सिरे का उपचार प्रदान किया जा रहा है। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए इलेक्ट्रो स्टेटिक प्रीसिपिटेटर्स, बैग हाउस, वेट स्क्रबर्स, मल्टी साइक्लोन, ड्राई फॉग डस्ट सप्रेशन सिस्टम, वेट फॉग डस्ट सप्रेशन सिस्टम जैसी वायु प्रदूषण नियंत्रण प्रौद्योगिकियां प्रदान की गयी हैं। लैगून नामक पॉलिशिंग तालाब में आगे के उपचार के लिए ब्लो डाउन टू ड्रेन के रूप में बहुत कम मात्रा को छोड़कर पुनः प्रक्रिया में समाहित करने के लिए रीसाइक्लिंग से पहले अपशिष्ट के उपचार के लिए विभिन्न विभागों में समर्पित अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र (डब्ल्यू.डब्ल्यू.टी.पी.) प्रदान किए गए हैं।
नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में आर.एस.पी. ने इस्पात संयंत्र परिसर के अंदर 1 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित और चालू किया है और आर.एस.पी. के इस्पात जनरल अस्पताल में 40,000 लीटर क्षमता की सौर जल तापन प्रणाली स्थापित की गयी है। हरियाली के लिए आर.एस.पी. ने स्थापना के बाद से लगभग 50 लाख पेड़ लगाकर कुल 33.22 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र में हरियाली ले आई है।
1989 में ही आर.एस.पी. ने पर्यावरण प्रयोगशाला सहित एक संपूर्ण तरीके से कार्यरत पर्यावरण इंजीनियरिंग विभाग की स्थापना की है जो आई.एस./आई.एस.ओ.14001 से प्रमाणित है। आर.एस.पी. ने ठोस कचरे के उपयोग को बढ़ाने के लिए चार आर. रिड्यूस, रियूज, रिकवर और रिसाइकल यानि कि (कम करना, पुनः उपयोग, पुनः प्राप्ति और पुनर्चक्रण) सिद्धांत को अपनाया है। आर.एस.पी. कर्मीसमूह के समर्पित प्रयासों से प्रदूषक स्तर में कमी आई है। 2020-2021 के दौरान मॉनीटर किए गए प्रदूषक स्तर हैं :-
SN. | पर्यावरण संकेतक | विवरण | 2018-19 | 2019-20 | 2020-21 | सामान्य/लक्ष्य |
1. |
परिवेशी वायु गुणवत्ता (6 स्टेशनों पर मॉनिटर स्तर) |
|
48 - 97 <3 to 41 15 - 42 11.4 – 268 <0.01 |
48 - 92 <3 to 39 18 - 39 9.4 – 72 <0.01 |
54.9 – 65.8 10.4 - 18.4 17.6 - 23.8 8.4 – 13.3 <0.01 |
100 80 80 400 1.0 |
2. |
पर्यावरण पर विशिष्ट डस्ट भार |
|
0.71 |
0.679 |
0. 583 |
0.734 |
3. |
लैगून से ब्राह्मणी नदी में छोड़े गए अंतिम रूप से उपचारित अपशिष्ट की गुणवत्ता |
|
7.3 – 8.06 11.25 – 37.6 2.4 – 4.25 10 - 17 29.14 – 53.21 |
7.18 – 8.06 11.25 – 32.5 0.69 – 3.8 7.66 – 17.33 20.12 – 68.14 |
6.78 – 8.41 10.0 – 23.6 1.1 – 2.0 6 – 14 6.625 – 43 |
6 – 8.5 100 10 30 250 |
4. |
कुल ठोस अपशिष्ट उपयोग |
|
73.08 |
79.44 |
90.07 |
85 |
वेब साइट पर अपलोड किए जाने वाले दस्तावेज:
3) 2 एम.टी.पी.ए. विस्तारण के लिए प्राप्त पर्यावरण मंजूरी के लिए कार्य योजना की आर.एस.पी. की कार्यान्वयन स्थिति (अर्धवार्षिक रिपोर्ट अक्टूबर, 2020 – मार्च, 2021)
4) आर.एस.पी. के आधुनिकीकरण के लिए एम.ओ.ई.एफ.सी.सी. द्वारा दिनांक 15/12/2016 को जारी पर्यावरण मंजूरी।
6) आर.एस.पी. का पर्यावरण विवरण 2019-20 ।
7)इस्पात स्नातकोत्तर संस्थान और सुपर स्पेशयलिटी अस्पताल, राउरकेला की ई.सी अनुपालन स्थिति