परिचय

बोर्ड और संगठन

स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इण्डिया लिमिटेड (सेल) भारत में इस्पात निर्माण में लगी एक प्रमुख कंपनी है। यह पूर्णतः एकीकृत लोहे और इस्पात का सामान तैयार करती है। कंपनी में घरेलू निर्माण, इंजीनियरी, बिजली, रेलवे, मोटरगाड़ी और सुरक्षा उद्योगों तथा निर्यात बाजार में बिक्री के लिए मूल तथा विशेष, दोनों तरह के इस्पात तैयार किए जाते हैं।

सेलयह कारोबार के हिसाब से देश में सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी 10 कम्पनियों में से एक है। सेल अनेक प्रकार के इस्पात के सामान का उत्पादन और उनकी बिक्री करती है। इनमें हॉट तथा कोल्ड रोल्ड शीटें और कॉयल, जस्ता चढ़ी शीट, वैद्युत शीट, संरचनाएं, रेलवे उत्पाद, प्लेट बार और रॉड, स्टेनलेस स्टील तथा अन्य मिश्र धातु इस्पात शामिल हैं। सेल अपने पांच एकीकृत इस्पात कारखानों और तीन विशेष इस्पात कारखानों में लोहे और इस्पात का उत्पादन करती है। ये कारखाने देश के पूर्वी और केन्द्रीय क्षेत्र में स्थित हैं तथा इनके पास ही कच्चे माल के घरेलू स्रोत उपलब्ध हैं। इन स्रोतों में कंपनी की लौह अयस्क, चूना-पत्थर और डोलोमाइट खानें शामिल हैं। कंपनी को भारत का दूसरा सबसे बड़ा लौह अयस्क उत्पादक होने का श्रेय भी प्राप्त है। इसके पास देश में दूसरा सबसे बड़ा खानों का जाल है। कंपनी के पास अपने लौह अयस्क, चूना-पत्थर और डोलोमाइट खानें हैं जो इस्पात निर्माण के लिए महत्वपूर्ण कच्चे माल हैं। इससे कंपनी को प्रतियोगिता में लाभ मिल रहा है।

सेल के व्यापक लम्बे तथा सपाट इस्पात उत्पादों की घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारी मांग है। बिक्री का कार्य सेल का अपना केन्द्रीय विपणन संगठन (सीएमओ) करता है। सीएमओ के 4 क्षेत्रों में 37 शाखा कार्यालयों से बिक्री की जाती है। इसके अलावा 25 विभागीय गोदाम, 42 कंसाइनमेंट एजेन्ट, 27 उपभोक्ता सम्पर्क कार्यालय भी संगठन के बिक्री नेटवर्क के अंश हैं। घरेलू बाजार में बिक्री के केन्द्रीय विपणन संगठन के प्रयासों में ग्रामीण डीलरों का बढ़ता हुआ एक नेटवर्क देश के कोने-कोने में छोटे से छोटे उपभोक्ता की मांग पूरी कर रहा है। इस समय सेल के 2000 से अधिक डीलर हैं। इसका विशाल विपणन तंत्र देश के सभी जिलों में उच्च गुणवत्ता के इस्पात की उपलब्धता सुनिश्चित कर रहा है।

सेल का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार डिवीजन आईएसओ 9001: 2000 से प्रमाणित है। इसका कार्यालय नई दिल्ली में है और यह सेल के पांच एकीकृत इस्पात कारखानों से मृदुल इस्पात उत्पादों तथा कच्चे लोहे का निर्यात करता है।

गत चार दशक में सेल ने इस्पात निर्माण में तकनीकी तथा प्रबंधकीय विशेषज्ञता प्राप्त की है। सेल परामर्शदात्री डिवीजन (सेलकॉन), जिसका कार्यालय नई दिल्ली में है, विश्व भर के ग्राहकों को इस विशेषज्ञता का लाभ उपलब्ध करा रहा है।

सेल का रांची में एक सुगठित लोहे और इस्पात के लिए अनुसंधान एवं विकास केन्द्र (आरडीसीआईएस) है। यह केन्द्र इस्पात उद्योग के लिए नई तकनीकों के विकास तथा इस्पात की गुणवत्ता में सुधार में मदद दे रहा है। इसके अलावा सेल का एक अपना इंजीनियरी तथ तकनीकी केन्द्र (सेट), एक प्रबंध प्रशिक्षण संस्थान (एमटीआई) तथा सुरक्षा संगठन भी है। इनके कार्यालय रांची स्थित हैं। कोलकाता स्थित कच्चा माल डिवीजन हमारी निजी खानों का नियंत्रण करता है। सेल के पर्यावरण प्रबंधन डिवीजन और विकास डिवीजन के मुख्यालय कोलकाता में हैं। हमारे लगभग सभी इस्पात कारखाने और प्रमुख यूनिटें आईएसओ प्रमाणित हैं।

प्रमुख यूनिटे 

एकीकृत इस्पात कारखान

विशेष इस्पात कारखाने

सहायक कंपनियां

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संयुक्त उद्यम

एनटीपीसी-सेल पावर कंपनी प्रा.लि. (एनएसपीसीएल) 

स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इण्डिया लिमिटेड (सेल) और नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन लिमिटेड (एनटीपीसी लि.) के बीच 50:50 का यह संयुक्त उद्यम राउरकेला, दुर्गापुर और भिलाई निजी बिजलीघरों का प्रबन्धन करता है। इसकी संयुक्त क्षमता 314 मेगावाट की है। इसने 500 मेगावाट की अतिरिक्त क्षमता (2×250 मेगावाट यूनिट) का भिलाई में एक बिजलीघर स्थापित किया है। पहली यूनिट से बिजली का उत्पादन अपै्रल, 2009 में शुरू हो गया और दूसरी यूनिट से 2009 तक वाणिज्यिक उत्पादन शुरू होने की आशा है।.

बोकारो पावर सप्लाई कंपनी प्रा.लि. (बीपीएससीएल) 

सेल और दामोदर वैली कारपोरशन के इस 50:50 संयुक्त उद्यम की स्थापना जनवरी, 2002 में हुई थी। यह बोकारो इस्पात कारखाने में 302 मेगावाट विद्युत उत्पादन और 660 टन प्रति घंटे स्टीम उत्पादन सुविधाओं का प्रबंधन कर रहा है। बीपीएससीएल ने बोकारो में 2×250 मेगावाट क्षमता का कोयला आधारित ताप बिजलीघर स्थापित करने का प्रस्ताव किया है। इसके अतिरिक्त बोकारो में 9वे बॉयलर (300 टन/घंटे) और 36 मेगावाट बैक प्रेशर टर्बो जेनरेटर (बीपीटीजी) परियोजना की स्थापना का कार्य किया जा रहा है।

एमजंक्शन सर्विसेस लि. 

सेल और टाटा स्टील के 50:50 आधार पर स्थापित यह संयुक्त उद्यम इस्पात में ई-कॉमर्स गतिविधियों और उसे जुड़े क्षेत्रों को बढ़ावा देता है। कम्पनी द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली नई सुविधाओं में ई-परिसम्पत्ति-बिक्री, आयोजन तथा सम्मेलन, कोयला बिक्री और लॉजिस्टिक्स, प्रकाशन इत्यादि शामिल हैं।.

सेल-बंसल सर्विस सेंटर लि.

सेल ने बीएमडब्ल्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड के साथ 40:60 आधार पर बोकारो में सर्विस सेंटर स्थापित करने के लिए संयुक्त उद्यम का गठन किया है। इसका उद्देश्य इस्पात में उपभोक्ता जरूरतों के अनुरूप सटीक उत्पादों के लिए गुणवत्ता में वृद्धि करना है।.

भिलाई जे पी सीमेन्ट लिमिटेड

सेल ने मैसर्स जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड के साथ स्लैग पर आधारित 22 लाख टन क्षमता का एक सीमेन्ट कारखाना भिलाई में स्थापित करने के लिए एक संयुक्त उद्यम बनाया है। यह कम्पनी मार्च, 2010 से भिलाई में सीमेन्ट का उत्पादन प्रारम्भ कर देगी। सतना में क्लिंकर का उत्पादन 2009 में शुरू हो जाएगा।

बोकारो जे पी सीमेन्ट लिमिटेड

सेल ने मैसर्स जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड के साथ बोकारो में स्लैग पर आधारित 21 लाख टन क्षमता का एक सीमेन्ट कारखाना स्थापित करने के लिए एक संयुक्त उद्यम बनाया है। आशा है कि निर्माण कार्य 2009 में और सीमेन्ट का उत्पादन जुलाई, 2011 तक प्रारम्भ हो जाएगा।

सेल एवं मॉयल फेरो एलॉयज (प्रा.) लिमिटेड

सेल ने मैंगनीज ओर (इण्डिया) लिमिटेड के साथ नन्दिनी/भिलाई में 1 लाख टन क्षमता का फेरो मैंगनीज और सिलिको मैंगनीज कारखाना स्थापित करने के लिए एक संयुक्त उद्यम बनाया हैं।.

एस एंड टी माइनिंग कम्पनी प्रा. लिमिटेड

सेल ने कोयले के ब्लॉक/खानों के अधिकरण तथा विकास के लिए टाटा स्टील के साथ एक संयुक्त उद्यम कम्पनी बनाई है। संयुक्त उद्यम कम्पनी कोकिंग कोयले की सप्लाई प्राप्त करने के लिए नए स्वदेशी अवसरों की तलाश में है।

इन्टरनेशनल कोल वेन्चर्स प्रा. लिमिटेड :

कोकिंग कोयले के क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र के इस्पात उद्यमों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से एक संयुक्त उद्यम बनाया गया है। इस उद्यम में सेल, राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (आरआईएनएल), कोल इण्डिया लिमिटेड (सीआईएल), एनटीपीसी लिमिटेड और एनएमडीसी लिमिटेड शामिल हैं। कम्पनी ऑस्ट्रेलिया, मोजाम्बिक तथा अन्य चुने हुए देशों में उपलब्ध कोयले के गुणों की जांच कर रही है।

स्वामित्व एवं प्रबंधन

भारत सरकार सेल की 75 प्रतिशत इक्विटी की मालिक है और इसे वोटिंग में नियंत्रण प्राप्त है। परन्तु ‘'महारत्न'’ कंपनी होने के कारण सेल को काफी परिचालन तथा वित्तीय स्वायत्तता मिली हुई है।