
श्री सुरजीत मिश्रा एक दूरदर्शी नेता, तकनीकी विशेषज्ञ और दक्ष प्रशासक हैं, जिनके पास इस्पात प्राधिकरण (SAIL) के विभिन्न संयंत्रों – वीआईएसएल, डीएसपी और आईएसपी – में विभिन्न पदों पर कार्य करते हुए तीन दशकों से अधिक का समृद्ध अनुभव है।
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बी.ई. की डिग्री भुवनेश्वर स्थित कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (अब ओयूटीआर) से प्राप्त करने के बाद, उन्होंने 4 जुलाई 1990 को SAIL की विश्वेश्वरैया आयरन एंड स्टील लिमिटेड (VISL) इकाई में प्रबंधन प्रशिक्षु (तकनीकी) के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। अपने शुरुआती करियर में उन्होंने हॉट रोलिंग मिल्स के इलेक्ट्रिकल मेंटेनेंस, ब्लास्ट फर्नेस प्रोजेक्ट और उसके बाद ब्लास्ट फर्नेस एवं स्टील मेल्टिंग शॉप में इलेक्ट्रिकल और ऑटोमेशन कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने संयंत्र में इलेक्ट्रिकल ड्राइव सिस्टम और प्रोसेस ऑटोमेशन के आधुनिकीकरण में अहम योगदान दिया।
श्री मिश्रा के नेतृत्व में उनकी टीम ने डीएसपी और एलॉय स्टील प्लांट (ASP) के साथ मिलकर रेलवे के लिए देश में पहली बार LHB एक्सल विकसित किए। उन्होंने भिलाई इस्पात संयंत्र और ASP के साथ इंजीनियरिंग ग्रेड स्टील के उत्पादन में सहयोग करते हुए VISL की दक्षता का लाभ उठाकर दक्षिण और पश्चिम भारत के बाजारों में नए उत्पादों को आगे बढ़ाया।
VISL में जीएम प्रभारी के रूप में, उन्होंने एक नए व्यावसायिक मॉडल के माध्यम से दो वर्षों से बंद पड़ी यूनिट को पुनः चालू कराया। उनके मार्गदर्शन में उनकी टीम ने कई नए उत्पाद विकसित किए, जिनमें से कई आयात विकल्प के रूप में अपनाए गए, जैसे BSP के लिए रेल स्ट्रेटनिंग रिंग्स और RSP के लिए टोर्पीडो लैडल कार के पहिये और एक्सल।
1 जुलाई 2022 से श्री मिश्रा ने दुर्गापुर इस्पात संयंत्र में मुख्य महाप्रबंधक (मेंटेनेंस) के रूप में कार्यभार संभाला। उन्होंने सिंगर प्लांट और मीडियम स्ट्रक्चरल मिल जैसी यूनिट्स के ऑटोमेशन सिस्टम के उन्नयन का नेतृत्व किया। बीएफ गैस पाइपलाइन के करीब 3 किलोमीटर लंबे क्षतिग्रस्त हिस्से को बदलने की पहल की, जिससे कोक ओवन और ASP तक गैस की आपूर्ति में सुधार हुआ और सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित किया गया। यह कार्य पूरी तरह से संयंत्र की टीम द्वारा आंतरिक रूप से संपन्न किया गया।
29 दिसंबर 2022 को उन्होंने ISP, बर्नपुर में मुख्य महाप्रबंधक (प्रोजेक्ट्स) (ED के अधिकारों का प्रयोग करते हुए) का पदभार ग्रहण किया। 15 जुलाई 2023 से कार्यकारी निदेशक (प्रोजेक्ट्स), ISP के रूप में पदोन्नत होने के बाद, उन्होंने 4.08 मिलियन टन प्रति वर्ष की विस्तार परियोजना की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करवाई और उसे SAIL बोर्ड से अनुमोदित करवाया। इसके पश्चात् सभी तकनीकी और सहायक अवसंरचना पैकेज के विनिर्देश तैयार कर निविदा आमंत्रित की गई। उन्होंने परियोजना प्रारूपण और क्रियान्वयन रणनीतियों में नवाचार लाकर पारंपरिक तरीकों से आगे बढ़ते हुए एक नई दिशा दी।
श्री मिश्रा ने अपनी टीम की आंतरिक डिज़ाइन और इंजीनियरिंग क्षमताओं को विकसित करने के लिए उन्हें आवश्यक सॉफ्टवेयर टूल्स और प्रशिक्षण प्रदान किया, जिससे विस्तार परियोजना के लिए आधारभूत अवसंरचना का निर्माण संभव हुआ। उन्होंने परियोजना कार्यान्वयन की दक्षता और सुरक्षा पर विशेष ध्यान देते हुए अनेक पहल की।
उन्हें तीन बार विदेशों में तकनीकी प्रशिक्षण का अवसर प्राप्त हुआ है, जिनमें कोरूस स्टील, एबीबी, सर्ट मेटल, डेनियली जैसे प्रतिष्ठित तकनीकी आपूर्तिकर्ता शामिल हैं। तकनीकी दक्षता के साथ-साथ श्री मिश्रा एक गंभीर पाठक और शास्त्रीय संगीत के प्रेमी भी हैं।
उनके कुशल नेतृत्व में IISCO स्टील प्लांट ने SAIL की विस्तार योजना की शुरुआत की है, जो कि इस योजना की प्रथम परियोजना है।
श्री सुरजीत मिश्रा एक दूरदर्शी और नवोन्मेषी सोच वाले ऐसे नेता हैं, जिनका करियर SAIL की प्रगति और भारतीय इस्पात उद्योग के समग्र विकास के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। वे तकनीकी विशेषज्ञता और रणनीतिक दृष्टिकोण का समन्वय करते हुए नवाचार और स्थिरता को सदैव प्राथमिकता देते हैं।